जो स्नेह करता हैं,
वही दुःख पाता हैं,
उसकी ही साँसें गिनती हैं घड़ियाँ,
वही चुना करता हैं,
आँसुओं के फूल,
छेड़ दिल के तारों को,
दर्द भरा गीत वही गाता हैं,
जो स्नेह करता हैं,
वही दुःख पाता हैं!
माना कि तुम-कोई कवि नहीं हो,
पर स्नेहसिक्त अनुभूतियों से अजनबी नहीं हो-
इस बात को तुम कैसे झुठलाओगे?
-नदी के उस पार ,
जब विश्वास का दिया जलता हैं,
तो सुना हैं मैंने-
"टूटा हुआ आदमी भी चलता हैं!"
8 comments:
अम्मा प्रणाम॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ बहुत जबरदस्त रचना है ''टूटा हुआ आदमी भी,चलता है!''॰॰॰॰॰॰॰॰ मन के तार झंकृत कर दिये आपने ॰॰॰॰॰॰॰ दिल खुश हो गया ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ शुभकामनायें॰॰॰॰॰॰॰॰॰
"जो स्नेह करता हैं,
वही दुःख पाता हैं,".......
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se
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"जब विश्वास का दिया जलता हैं,
तो सुना हैं मैंने-
"टूटा हुआ आदमी भी चलता हैं!"
kuch chitran aisa hua hai....ki aankhon se chalke aansu....hoto tak aate aate khushi ke ho gaye....aur bhaskar ki saari aabhaa
simat ke aankhon mai aa gayee hai
..amma ek aur anmol kavita
..charan sparsh..aapkaa EHSAAS!
jo shnhe karta hai wo hi dukh
pata hai jo samarpan karta hai wohi pyar pata hai jo aansun ko moti samjhta hai wohi ji pata hai aur jo vishwaas barkarar rakhta hai wohi aadmi khelata hai......
जब विश्वास का दिया जलता हैं,
तो सुना हैं मैंने-
"टूटा हुआ आदमी भी चलता हैं!"
अद्भुत पंक्तियाँ है ...
Apne sahi kaha sneh (Aashakti) kast deti hai, parantu wo sneh hi hai jo kastkar paristhityo me pure viswas ke sath aage badne me aham bhumika bhi nibhati hai. Ek Achchi aur gyan vardhak rachana se ru baru karane ke liye dhanyabad.
very touching n sweet poem...
जब विश्वास का दिया जलता हैं,
तो सुना हैं मैंने-
"टूटा हुआ आदमी भी चलता हैं!"
बहुत ही अच्छा लिखा है.
जब विश्वास का दिया जलता हैं,
तो सुना हैं मैंने- "टूटा हुआ आदमी भी चलता हैं!"
Sadar Naman aapko "Amma",
Esa to kabhi nahi hua ki kuch padh rahi hu aur saath main ro bhi rahi hu... Aapki is rachna ne woh kar dia ...
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