मेरी दुनिया...

Wednesday, April 9, 2008

प्यार भरा उपहार.......


सुबह,दोपहर,शाम,

और रात के रंग में रंगी

-समय की चादर,

बिना रुके सरकती जा रही हैं.....

धडकनों के अहर्निश ताल पर,

किसी अज्ञात नशे में झूमती,

ज़िंदगी थिरकती जा रही हैं.....

आगे बढ़ो,

जी चाहे जिस रंग से,

चादर पर अपना नाम लिख दो ,

जीवन-पात्र में ,

प्राणों की बाती डालकर,

नेह से भर दो.......

लौ उकसाओ,

और रंगों की मूल पहचान सीख लो,

इसी ज्योति में वो सारी तस्वीरें,

कहीं-न-कहीं दिखेंगी-

जो तुम्हारे आस-पास हैं...

देर मत करना,

वरना चूक जाओगे...

समय का क्या हैं,

उसके चरण नहीं थमते,

भूले से भी किसी का

इंतज़ार नहीं करते...

जीने के लिए मेरे प्रियवर ,

मन को अनुराग रंग में रंग लो..............

यह मेरी सीख नहीं,

प्यार भरा उपहार हैं!