मेरी दुनिया...

Wednesday, August 27, 2008

मेरा मन - एक परिचय !


मेरा मन, एक पुस्तक है ,
जिसके प्रत्येक पृष्ठ पर -
तुम्हीं रेखांकित हो
अक्षर-अक्षर में -
तुम्हारी ही छवि बोलती है !
तुम्ही छंद हो, तुम्ही लय हो
यह पुस्तक, तुम्हारा समन्वय है !
शरीर तो एक आवरण है
जिसे प्यार और करुणा के रंग से
सँवारने का अथक प्रयास करती हूँ ......
ताकि कभी तुम स्वतः
पुस्तक खोलने पर बाध्य हो जाओ !
फिर.............
उम्मीद है, तुम्हारी आंखों की नमी
स्वाति के बूंद-सी
- मेरे माथे पर टपकेगी !