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प्यार वह तिलस्मी संसार हैं
जो जुनून बनकर रगों में दौड़ता हैं,
जब तिलिस्म टूटता हैं-तो पता चलता हैं,
बहुत कुछ पीछे छूट गया!
जुनून में डूबी हर कहानी,
स्याह रास्तों से होकर गुजरती हैं,
किसी आनेवाले सुबह के इंतज़ार में
अंधेरों से जूझते हुए दम तोड़ती हैं!
तुम्हारे शब्दों में-प्यार एक पूजा हैं
अक्षत हैं,रोली हैं,चंदन हैं
पूजा की वेदी पर मन का समर्पण हैं!
लोग कहते हैं,
प्यार एक पाप हैं,
दर्द का सौदा हैं,
दुर्वासा का शाप हैं....
सही क्या हैं,ग़लत क्या हैं
कहीं नहीं लेखा हैं
धरती और आकाश का मिलन
किसी ने नहीं देखा हैं!