मेरी दुनिया...

Friday, September 5, 2008

तुम्हारे लिए....


सपने देखो तो ज़रूर
समझो सपनों की भाषा
निश्चित तुमको मिलेगी मंजिल
पूरी होगी आशा !
सपने साथ में हैं गर तेरे
तू मजबूर नहीं है
तूफानों से मत घबराना
मंजिल दूर नहीं है !
बड़े पते की बात है प्यारे
घबराकर मत रोना
आग में तपकर ही जो निखरे
है वही सच्चा सोना !
बुरा नहीं होता है प्यारे
आंखों का सपनाना
सपने सच भी होते हैं
यह मैंने भी है जाना !
सपने ही थे साथ सफर में
और तेरा हमसाया
कतरे की अब बात भुला दे
दरिया सामने आया !
नहीं असंभव बात ये कोई
फिर हो नई कहानी
तुम बन जाओ एक और
धीरू भाई अम्बानी !