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सुबह,दोपहर,शाम,
और रात के रंग में रंगी
-समय की चादर,
बिना रुके सरकती जा रही हैं.....
धडकनों के अहर्निश ताल पर,
किसी अज्ञात नशे में झूमती,
ज़िंदगी थिरकती जा रही हैं.....
आगे बढ़ो,
जी चाहे जिस रंग से,
चादर पर अपना नाम लिख दो ,
जीवन-पात्र में ,
प्राणों की बाती डालकर,
नेह से भर दो.......
लौ उकसाओ,
और रंगों की मूल पहचान सीख लो,
इसी ज्योति में वो सारी तस्वीरें,
कहीं-न-कहीं दिखेंगी-
जो तुम्हारे आस-पास हैं...
देर मत करना,
वरना चूक जाओगे...
समय का क्या हैं,
उसके चरण नहीं थमते,
भूले से भी किसी का
इंतज़ार नहीं करते...
जीने के लिए मेरे प्रियवर ,
मन को अनुराग रंग में रंग लो..............
यह मेरी सीख नहीं,
प्यार भरा उपहार हैं!
11 comments:
amma aapke ye shabd saras uphaar.....jiwan ke anmol ashirwaad hain.....ye hamare saubhaagy hain......ye anant rahen....aise hi hamare khwaab hain....
lajawaab abhivyakti.....
...Charansparsh!...aapka EHSAAS
जीवन-पात्र में ,
प्राणों की बाती डालकर,
नेह से भर दो.......
kitna sajeev hai kitna bada hai
Anil
समय का क्या हैं,
उसके चरण नहीं थमते,
भूले से भी किसी का
इंतज़ार नहीं करते...
जीने के लिए मेरे प्रियवर ,
मन को अनुराग रंग में रंग लो..............
Apne bilkul sahi kaha, samay nirantar jatiman hai aur ye kisi ka intazar nahi karta.Ath samay rahte apni ichchyo ko anurag rupi rang me rang kar uski purti ke liye satat prayas karte rahna chahiye. Keya pata kal ho na ho. Achchi soch, ek achchi rachna.
जीने के लिए मेरे प्रियवर ,
मन को अनुराग रंग में रंग लो..............
यह मेरी सीख नहीं,
प्यार भरा उपहार हैं!
bahut hi sundar
समय का क्या हैं,
उसके चरण नहीं थमते,
भूले से भी किसी का
इंतज़ार नहीं करते...
जीने के लिए मेरे प्रियवर ,
मन को अनुराग रंग में रंग लो..............
यह मेरी सीख नहीं,
प्यार भरा उपहार हैं!
बहुत खूब लिखा है जी आपने
जिजीविषा का मूल-मंत्र दिया है आपने इस रचना में , जिसकी तलाश में सभी अहर्निश व्यथित है..
बहुत बढ़िया भाई जी धन्यवाद
बहुत अच्छा लिखा है.
bahut bahut umda rachna hai !!
अम्मा प्रणाम, ''प्यार भरा उपहार.......'' बहुत संवेदनायें हैं इस कविता में, दिल को छूती है, अच्छी व नेक सलाह दी है आपने इस रचना के माध्यम से, बहुतों को मार्गदर्शन प्राप्त होगा ॰॰॰॰॰॰॰॰॰ शुभकामनायें॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰
शुक्रिया अम्मा जी आपके उपहार के लिए..
आपसे जितना कुछ सीख जाऊँ वो किसी उपहार से कम नहीं..
अच्छा लगा पढ़ कर..
बधाई अम्मा जी
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