
मेरा मन, एक पुस्तक है ,
जिसके प्रत्येक पृष्ठ पर -
तुम्हीं रेखांकित हो
अक्षर-अक्षर में -
तुम्हारी ही छवि बोलती है !
तुम्ही छंद हो, तुम्ही लय हो
यह पुस्तक, तुम्हारा समन्वय है !
शरीर तो एक आवरण है
जिसे प्यार और करुणा के रंग से
सँवारने का अथक प्रयास करती हूँ ......
ताकि कभी तुम स्वतः
पुस्तक खोलने पर बाध्य हो जाओ !
फिर.............
उम्मीद है, तुम्हारी आंखों की नमी
स्वाति के बूंद-सी
- मेरे माथे पर टपकेगी !
जिसके प्रत्येक पृष्ठ पर -
तुम्हीं रेखांकित हो
अक्षर-अक्षर में -
तुम्हारी ही छवि बोलती है !
तुम्ही छंद हो, तुम्ही लय हो
यह पुस्तक, तुम्हारा समन्वय है !
शरीर तो एक आवरण है
जिसे प्यार और करुणा के रंग से
सँवारने का अथक प्रयास करती हूँ ......
ताकि कभी तुम स्वतः
पुस्तक खोलने पर बाध्य हो जाओ !
फिर.............
उम्मीद है, तुम्हारी आंखों की नमी
स्वाति के बूंद-सी
- मेरे माथे पर टपकेगी !
11 comments:
dil karata hai tumharee kavitayen katha kee kee tarah har apwan din padhoon upwas ka asar hai in men
उम्मीद है, तुम्हारी आंखों की नमी
स्वाति के बूंद-सी
- मेरे माथे पर टपकेगी !
ati sunder !
अद्भुत है ये प्रेम !! वो रोम रोम मे अंकित है फीर भी एक बूँद नीर को प्यासा है मन
एक शेर है .....
तमाम उमर उसका इंतज़ार किया
जो कभी खुद से जुदा न हुआ ....
प्यार की सुन्दर अनुभूति है इस कविता में..!!
Ati Sunder.
SASAKT RACHANA
BAHUT AHSAS KISI KE INTZAR ME HAI JAISE.
SAKHI
आप की कविता सीधी दिल मे उतरती हे, धन्यवाद
शरीर तो एक आवरण है
जिसे प्यार और करुणा के रंग से
सँवारने का अथक प्रयास करती हूँ ......
ताकि कभी तुम स्वतः
पुस्तक खोलने पर बाध्य हो जाओ !
फिर.............
उम्मीद है, तुम्हारी आंखों की नमी
स्वाति के बूंद-सी
- मेरे माथे पर टपकेगी !
Bahut hi khubsurat avivyakti.
bahut hi sundar likha hai apane... likhti rhaiyega...
btw.. chk out my blog.. we share common name... :)
amma....ye kavitaaen to mere liye aapke wo pad-chinh hain jin par chalne ki ye balak koshish karta hai.....anmol kavita......har baar ki tarah!
...Ehsaas!
जिसे प्यार और करुणा के रंग से
सँवारने का अथक प्रयास करती हूँ ......
ताकि कभी तुम स्वतः
पुस्तक खोलने पर बाध्य हो जाओ !
bahuty sundar . achchhi abhivyakti hai.
saadar
"अक्षर-अक्षर में -तुम्हारी ही छवि बोलती है" शब्दों का चयन मन को छू गया...बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
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